Jeev Ajeev Workshop

परिचय

जीव अजीव कार्यशाला - 2025 समण संस्कृति संकाय का उपक्रम है। गुरुदेव ने नव वर्ष वृहद मंगल पाठ के अवसर पर श्रावक समाज को एक महत्वपूर्ण संदेश दिया उन्होंने वर्ष 2025 में 25 बोल कंठस्थ करने उसका अर्थ समझने जीव अजीव पुस्तक का स्वाध्याय करने और जिन्होंने पहले पुस्तक पढ़ी है उन्हें दोबारा पढ़ने की प्रेरणा प्रदान की इसी संदर्भ में संकाय ने जीव अजीव कार्यशाला- 2025 का आयोजन किया जिसका उद्देश्य गुरुदेव की प्रेरणा को साकार करना और श्रावक समाज को जीव अजीव के सिद्धांतों को समझने और अपनाने के लिए प्रेरित करना है। यह प्रतियोगिता आचार्य महाप्रज्ञ जी द्वारा रचित पुस्तक जीव अजीव पर आधारित है। यह प्रतियोगिता संबोधि ऐप पर आयोजित होगी परीक्षा पूर्व ट्रायल टेस्ट का आयोजन किया जाएगा।

रजिस्ट्रेशन

जीव अजीव कार्यशाला का रजिस्ट्रेशन ऑनलाइन लिंक द्वारा किया जाता है जिसका मैसेज बार-बार ग्रुप में प्रेषित किया जाता है इस प्रतियोगिता का शुल्क ₹100 रखा गया है प्रतियोगिता में प्रतियोगी अपनी डिटेल भरता है तथा जिसका मैसेज टेक्स्ट मैसेज के द्वारा उसके पास पहुंचता है प्राप्त यूनिक एनरोलमेंट नंबर से परीक्षार्थी ट्रायल टेस्ट एवं परीक्षा दे सकता है। कार्यशाला की सभी जानकारी के लिए कार्यशाला संबंधित ग्रुप बनाया गया है।

जीव अजीव कार्यशाला टीम

जीव अजीव कार्यशाला का सुचारू रूप से संचालन में इस टीम के गणमान्य पदाधिकारी प्रायोजक श्रीमान सुनील जी अंचलिया, संयोजक श्रीमान राजेंद्र जी बेंगानी, अध्यापिका श्रीमती प्रेम सेखानी, श्रीमती जया बोथरा एवं श्रीमती सुनीता अंचलिया के अथक श्रम एवं पूर्ण निष्ठा का योग है। तकनीकी विभाग का कार्य श्रीमान उमेश जी सेठिया संभालते हैं। आचार्य महाश्रमण जी के सानिध्य में दीक्षांत समारोह में विजेता प्रतिभागियों को सम्मानित किया जायेगा।

जीव अजीब कार्यशाला 2025 में अब तक 1800 रजिस्ट्रेशन हो चुके हैं प्रतिभागियों की तैयारी हेतु 12 मॉक टेस्ट अपलोड हो चुके हैं तथा दो ट्रायल टेस्ट किए जा चुके हैं। लाडनूं कार्यालय टीम भी अपना कार्य निष्ठा पूर्ण कर रहे हैं।

स्वाध्याय

जीव अजीव कार्यशाला आचार्य महाप्रज्ञ जी की पुस्तक जीव अजीव पर आधारित है जिसमें 25 बोल का वर्णन किया गया है इस प्रतियोगिता में प्रतियोगियों को जूम मीटिंग के माध्यम से स्वाध्याय कराया जाता है। स्वाध्याय की रिकॉर्डिंग को यूट्यूब के माध्यम से सभी तक प्रेषित की जाती है। प्रतिभागियों की सुविधा हेतु एक विषय पर सप्ताह में दो बार क्लास करवाई जाती है। योग्य एवं अनुभवी अध्यापकों द्वारा बहुत ही रोचक क्लास होती है। चित्रों के माध्यम से भी गहराई से समझाया जाता है।